Friday, April 16, 2010

मैं तो गोवर्धन को जाऊं मेरे वीर


इस बार छुट्टियों में हम मथुरा वृंदावन गये. सबसे पहले बांके बिहारी के मंदिर गये. हर जगह दीदी से सबने चश्मा संभाल कर रखने को बोला, वरना बंदर ले जायेंगे. एक किसी का ले भी गया. वहाँ बहुत भीड़ थी. मूर्ति बहुत सुंदर थी. उसके दर्शन लगातार नहीं करने दिये जाते क्योंकि भगवान साथ चल देते हैं. इसके बाद हम राधा बल्लभ जी व रंग जी के मंदिर गये. रंग जी के मंदिर में बहुत बड़ा कुंड है. फिर हम पहुँचे सेवा कुंज, कहा जाता कि वहाँ राधा कृष्ण आज भी रास रचाते हैं. इसके बाद पागल बाबा मंदिर होते हुये मथुरा पहुँचे.

अगले दिन हम जन्मभूमि गये. यहाँ वह जेल है जिसमें कृष्ण भगवान का जन्म हुआ. उसके बाद हम गोवर्धन गये. हम पर्वत पर बैठे जहाँ से चारो ओर का दृश्य बहुत सुंदर लगा.

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