Friday, April 16, 2010

मैं तो गोवर्धन को जाऊं मेरे वीर


इस बार छुट्टियों में हम मथुरा वृंदावन गये. सबसे पहले बांके बिहारी के मंदिर गये. हर जगह दीदी से सबने चश्मा संभाल कर रखने को बोला, वरना बंदर ले जायेंगे. एक किसी का ले भी गया. वहाँ बहुत भीड़ थी. मूर्ति बहुत सुंदर थी. उसके दर्शन लगातार नहीं करने दिये जाते क्योंकि भगवान साथ चल देते हैं. इसके बाद हम राधा बल्लभ जी व रंग जी के मंदिर गये. रंग जी के मंदिर में बहुत बड़ा कुंड है. फिर हम पहुँचे सेवा कुंज, कहा जाता कि वहाँ राधा कृष्ण आज भी रास रचाते हैं. इसके बाद पागल बाबा मंदिर होते हुये मथुरा पहुँचे.

अगले दिन हम जन्मभूमि गये. यहाँ वह जेल है जिसमें कृष्ण भगवान का जन्म हुआ. उसके बाद हम गोवर्धन गये. हम पर्वत पर बैठे जहाँ से चारो ओर का दृश्य बहुत सुंदर लगा.

Sunday, February 14, 2010

होली



इस साल की होली देख मुझे अपनी पुरानी
होली याद आ गयी कि हमने उस होली पर हमने
बहुत ऊधम मचाया था मेरे घर के पास एक फाउंटेन है
उसमे कूदे भी थे !
हमने एक दूसरे पर इतना पानी फेंका कि
हमारी एक दोस्त तो कांपते हुए घर चली गई !
होली सबसे मज़ेदर त्योहार है !
आपको भी मेरी तरफ से एडवांस हैप्पी होली !

Sunday, January 3, 2010

डांस नये साल का


आज मैं बताती हूँ कि मैंने 31 दिसम्बर 2009 को क्या क्या किया. उस दिन हुआ ये कि हमारे फ्लैट्स में एक फंक्शन हुआ, 2009 की विदाई और 2010 को वेलकम करने के लिये. उसमें डीजे लगा था और डांस फ्लोर भी. वहाँ डीजे पर मैंने और मेरी दोस्तों, संजना, मान्या और विनी ने खूब डांस किया. रात के बारह बजे डीजे अंकल ने चिल्लाया “हैप्पी न्यू ईयर” तो हमें पता चला कि 2009 गया और 2010 आ गया.
जब हम बच्चे डांस में बिजी थे, बड़े लोग खाने के चक्कर में थे और रोटी के लिये ऐसे चिल्ल पों कर रहे थे, जैसे आज का डिनर लास्ट है. ये बड़े लोग भी बस !!
चलिये अब लैट ही सही, सब को मेरी तरफ से नये साल की बहुत बहुत शुभकामनायें.

Wednesday, November 11, 2009

बस यूं ही


चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी


नीचे की पोस्ट पढे. यह तो बस एक ट्राई है.

Tuesday, November 10, 2009

मैं भी चैपलिन


माँ क़िसी से फोन पर बात कर रही हैं.
किसी बात पर उधर से कहते हैं,
तेरे हाथ में है ही क्या ?
माँ कहती हैं,
हाँ! मेरे हाथ में है ही क्या ?
मैंने कहा,

अरे! आपके हाथ में फोन है,
और रेखायें भी.

Saturday, September 26, 2009

मेरा जन्मदिन

25 सितम्बर 09
आज मेरा जन्मदिन है. मैं सब बच्चों को टीचर्स को टोफियां बांट रही हूँ. हेमा पांडे मेम के पास पहुँची और टोफी का डिब्बा आगे बढाया तो वे बोली,
हांफ क्यों रही हो ? बताओ ! अरे बताओ !
क्या काम है ?
मेम टोफी.
तुम्हारा नाम क्या है ?
सम्यक !
संभव कहीं तुम्हारी बहन तो नहीं है. हाँ! नाम से ही पता चलता है. है कि नहीं.
हाँ.
क्या खाओगी रात को ?
छोले भटूरे.
टाफी का पूरा डिब्बा ले लूं?
यस मेम !
एक टाफी लेकर फिर बोली, बस इतनी ही लूं ?
नो मेम दो ले लिजिये.
अभी तो बोल रही थी, पूरा डिब्बा ले लो, अभी कह रही है दो लो.
गाड ब्लेस यू का मतलब पता है ?
यस !
क्या होता है ? तुम्हारे कपडे बहुत अच्छे हैं. गुदगुदे गुदगुदे से. छोडने का मन नहीं कर रहा.
अच्छा चले जाओ. गाड ब्लेस यू.

Saturday, September 5, 2009

Thus began my Life

The day was 25th September 2000. I was in a cradle and I was crying . I saw that a man and a little girl were coming near me.
I was very scared. The little girl took me in her arms but the man asked her not to do so because she was very small .
The man took me in his arms and said that, “You are my birthday gift because today is my birthday also”.
After some days ,I was at my new house and there I was named ‘SAMYAK’ . After 1 year there were many balloons in my house because of my birthday.
Now, 8 years of my life have passed away and my age is bigger than the age of the girl at that time, the girl who tried to pick me up when I was born. Now, I am in LUCKNOW.